Wellcome to my tree house- मेरे ट्री हाउस में आपका स्वागत है
यह घर मेरा दिल है
विलासिता की चाह में लोग पेड़ो को काट कर आशियाना
खड़ा कर रहे है वही एक इंसान ऐसा भी है जिसने पेड़ को बचते हुए अपना आशियाना खड़ा किया। मन का शुकुन चाइये तो आप भी इस पेड़ वाले माकन की तरफ चले आइये। जिला उदयपुर नेशनल हाइवे से सटी भुवाना के चित्रकूट नगर कॉलोनी में है यह मकान। कोई कहता है पेड़ पर मकान है तो कोई कहता है मकान पर पेड़ । यह आपको अमरचित्र कथाओ की डायना , शेरा और उसके परिवार की पेड़ पर बनाई झोपडी का अहसास मिल जायेगा। देखने भर में सुकून मिलता है तो इसमें रहने वालो का हर पल कितना रोमांच से भर उठता होगा।
यह खूबसूरत सा हरा भरा आशियाना है। चित्रकूट नगर में पैसे से इंजीनियर के. पी. सिंह का। के. पी. सिंह ने आधुनिक सुविधाओं से युक्त आलिशान मकान बनाकर सबसे अचरज में कर डाला 90 साल पुराने आम को शाखा प्रशाखाओं के साथ लिपटते हुए इस मकान की छटा देखते ही बनती हैा आया है पेड़ का तना 9 फिट की गोलाई लिए हुए है। जिस पर सिन्थेटिक फाइबर का तीन मंजिला, २८०० वर्ग फुट का मकान खूबसूरत अंदाज से पिरोया गया है।
सिंह बताते है की पहले यहाँ बाड़ी थी इस जगह से 40000 पेड़ को हटाने का ठेका हुआ तो उनका मन रो पड़ा और यही ट्री हाउस बनाने का निश्चय किया।
मूर्ति में जान दी डाल दी है. न टहनियों में काट छट की गयी न पतियों को नुकसान पहुंचाया। यही कारन है आज भी यह तोते , कोयल गिलहरी, गिरगिट ,चिड़िया सहित कई पक्षी आते है। मकान में प्रवेश के लिए 10 फिट ऊंची सीढ़ियों का सहारा लेना पड़ा। यह सीडी भी रिमोट से आवश्यकता अनुसार ऊपर निचे की जा सकती है। पहली मंजिल पर डड्रॉइंग रूम कम किचन में आम की डालियों में बच्चो टिकटिक घोडा बना हुआ है एक डाली में रस्सी की जाली का सहारा देकर बैठने की जगह। किचन पास डाल के सहारे डाइनिंग टेबल बनाया गया हैा यहाँ पांच लोग आराम से भोजन कर सकते है। दूसरे फ्लोर पर लाइब्रेरी है जिसमे एक तरफ रस्सी का झूला और एक तरफ लाइब्रेरी है। दोनों मंजिल पर लेटरिंग कम बाथरूम है। तीसरी मंजिल पर छोटी छोटी डालियो के साथ हवाखोरी का पूरा इंतजाम है। पूरा मकान वास्तु के अनुसार बनाया गया है। खिड़किया, दरवाजे ,फाइबर कास्ट की बानी हुई है। कीड़े मकोड़ों से बचने के नीम का तेल का लेप किया गया है



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